- नंदी हाल से गर्भगृह तक गूंजे मंत्र—महाकाल के अभिषेक, भस्मारती और श्रृंगार के पावन क्षणों को देखने उमड़े श्रद्धालु
- महाकाल की भस्म आरती में दिखी जुबिन नौटियाल की गहन भक्ति: तड़के 4 बजे किए दर्शन, इंडिया टूर से पहले लिया आशीर्वाद
- उज्जैन SP का तड़के औचक एक्शन: नीलगंगा थाने में हड़कंप, ड्यूटी से गायब मिले 14 पुलिसकर्मी—एक दिन का वेतन काटने के आदेश
- सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संदेश, उज्जैन में निकला भव्य एकता मार्च
- सोयाबीन बेचकर पैसा जमा कराने आए थे… बैंक के अंदर ही हो गई लाखों की चोरी; दो महिलाओं ने शॉल की आड़ में की चोरी… मिनट भर में 1 लाख गायब!
सोने-चांदी की ज्वेलरी में विराजमान बप्पा: पटनी बाजार गणेश पंडाल बना आकर्षण का केंद्र, नोट गिनने की मशीन, लैपटॉप और तौल कांटे के साथ व्यापारी स्वरूप में बैठे गणेश!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
उज्जैन का पटनी बाजार इस बार गणेश उत्सव में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां गणेश पंडाल को सोने-चांदी की दुकान का रूप दिया गया है और भगवान गणेश को व्यापारी स्वरूप में विराजमान कराया गया है। भक्तों के सामने यह अद्भुत नज़ारा है, जहां बप्पा लाखों रुपए की ज्वेलरी से अलंकृत होकर बैठें हैं।
एक करोड़ की ज्वेलरी से हुआ पहला श्रृंगार
पंडाल की थीम को मूर्त रूप देने के लिए सराफा यूथ फेडरेशन के लगभग 100 व्यापारियों ने मिलकर योगदान दिया है। रविवार को गणपति का श्रृंगार आरंभ हुआ और पहले ही दिन भगवान को एक करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के सोने के हार, कड़े, चेन, बाले और अन्य आभूषण अर्पित किए गए। आने वाले दिनों में यह भव्यता और भी बढ़ेगी।
तीन करोड़ से अधिक के आभूषणों से होगा श्रृंगार
फेडरेशन के अध्यक्ष प्रशांत सोनी के अनुसार, 3 से 5 सितंबर के बीच भगवान गणेश को लगभग 3 करोड़ रुपए की ज्वेलरी से सजाया जाएगा। पिछले वर्ष यहां गणेश जी का 11 लाख रुपए की मुद्रा (नोटों) से श्रृंगार किया गया था, जबकि इस बार भव्य सोने-चांदी के गहनों से श्रृंगार की परंपरा स्थापित की जा रही है।
गणेश पंडाल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि भगवान गणेश को व्यापारी स्वरूप में बैठाया गया है। उनके पास नोट गिनने की मशीन, बही-खाता, तौल कांटा, लैपटॉप और कैलकुलेटर रखे गए हैं। आयोजकों का मानना है कि इस स्वरूप से बप्पा भी समझेंगे कि किस तरह व्यापारी वर्ग रोजाना सोने-चांदी के दाम और टैरिफ में उतार-चढ़ाव की चुनौतियों से जूझ रहा है।
दर्शन का समय और सुरक्षा व्यवस्था
श्रद्धालु रोजाना शाम 6 बजे से रात 12 बजे तक बप्पा के अलौकिक श्रृंगार के दर्शन कर सकेंगे। रात में शयन आरती के बाद सभी आभूषण सुरक्षित निकालकर वापस रख दिए जाते हैं। गणेश विसर्जन के बाद आभूषण उनके-उनके स्वामियों को लौटा दिए जाएंगे।
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पंडाल के आसपास 32 सीसीटीवी कैमरे और अंदर 2 कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा, दो सशस्त्र सुरक्षाकर्मी लगातार निगरानी करते हैं। आयोजकों ने अतिरिक्त सुरक्षा के लिए पुलिस बल की भी मांग की है।